अब तो भव से नाव हमारी,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम।।
हे बनवारी कृष्ण मुरारी,
विनती सुन लो आज हमारी,
मोर मुकुट पीताम्बर धारी,
हाथ बढ़ाकर भक्तों का,
उद्धार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम।।
अब तो भव से नाव हमारी,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम।।
दुर्योधन का मान घटाए,
साग विदुर घर जाकर खाए,
द्रौपदी का तुम चीर बढ़ाए,
दृष्टि दया की हम पर भी,
एक बार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम।।
अब तो भव से नाव हमारी,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम।।
आ मुरली की तान सुना दो,
मधुबन सारा फिर गूंजा दो,
मेरे मन की प्यास बुझा दो,
मुरली से फिर अमृत की,
बौछार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम।।
अब तो भव से नाव हमारी,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम।।
अब तो भव से नाव हमारी,
पार करो मेरे श्याम,
पार करो मेरे श्याम।।