बाजी रे बाजी रे बाजी मधुर मुरलिया,
मनमोहन की बाजी,
मोहन की मुरलिया बाजी,
कान्हा की मुरलिया बाजी।।
बंसी बाजी वृंदावन में,
वृंदावन में श्री निधिवन में,
भागी रे भागी रे भागी सखियां सारी,
रास मिलन को भागी,
बाजी रे बाजी रे बाजी मधुर मुरलिया,
मनमोहन की बाजी।।
बंसी बाजी यमुना तट पर,
यमुना तट पर बंसीवट पर,
साजी रे साजी रे साजी सखी सहचरी,
मनमोहन संग साजी,
बाजी रे बाजी रे बाजी मधुर मुरलिया,
मनमोहन की बाजी।।
सेवा कुंज में बंसी बाजे,
श्री श्यामा संग श्याम विराजे,
अरे राजी रे राजी रे राजी,
प्रिया प्रीतम संग सखियां सारी राजी,
बाजी रे बाजी रे बाजी मधुर मुरलिया,
मनमोहन की बाजी।।
ऐसी बंसी मधुर बजाई,
बंसी की धुन त्रिभुवन छाई,
‘चित्र विचित्र’ सखी प्रियतम के संग,
खेले प्रीत की बाजी,
बाजी रे बाजी रे बाजी मधुर मुरलिया,
मनमोहन की बाजी।।
बाजी रे बाजी रे बाजी मधुर मुरलिया,
मनमोहन की बाजी,
मोहन की मुरलिया बाजी,
कान्हा की मुरलिया बाजी।।