बाबा बेगो बेगो आजा रे,
कांवड़ लेके चाल थाका, पगल्या दुखे रे।
ओ बाबा बेगो बेगो आजा रे,
कांवड़ लेके चाल थाका, पगल्या दुखे रे।।
घणी देर सू बाट जोवता, हो गई म्हाने देरी,
ना जाणे क्या में बिलमायो, हो रही रात अँधेरी।
तू भी म्हारे सागे हो ले रे,
कांवड़ लेके चाल थाका, पगल्या दुखे रे।।
ऊपर से तो बारिश बरसे, निचे रे धरती गीली,
ठंडी ठंडी भाळ चाल रई, काया हो गई रे पिली।
म्हारा दाँत कटाकट बोले रे,
कांवड़ लेके चाल थाका, पगल्या दुखे रे।।
के तू खाली भांग की बूटी, के गांजो पी लीनो,
के तू खेले आँख मिचोली, के तू धोखो दीन्हयो।
थारी नियत खोटी हो गई रे,
कांवड़ लेके चाल थाका, पगल्या दुखे रे।।
आओ आओ अब बेगा आओ, कांवरिया दुःख पा रह्या,
भोला भगता से क्यों रुठ्या, ते जीत्या मैं हारया।
ओ ‘शर्मा’ बम बम सागे बोले रे,
कांवड़ लेके चाल थाका, पगल्या दुखे रे।।
बाबा बेगो बेगो आजा रे,
कांवड़ लेके चाल थाका, पगल्या दुखे रे।।