भोले के दर चलो,
लेके कांवड़ चलो,
कलशे छोटे बड़े,
गंगा में भर चलो,
भोले शंकर को जल चढ़ाएंगे,
चल रे कांवड़िया बढ़ाए जा कदम,
होने नहीं पाए रफ़्तार तेरी कम,
घुंघरू कांवड़ियों के बोले छम-छम,
काहे की फिकर अब, काहे का है ग़म,
बोल बम, बोल बम, बोल बम बम बम।।
संभल-सम्भल चल भोले की नगरिया,
ऊँची-नीची, टेढ़ी-मेढ़ी संकरी डगरिया,
लचके कांवड़, बल खाए रे कमरिया,
भारी है कांवड़, तेरी बाली है उमरिया,
बोल बम, बोल बम, बोल बम बम बम,
चल रे कांवड़िया बढ़ाए जा कदम,
होने नहीं पाए रफ़्तार तेरी कम,
घुंघरू कांवड़ियों के बोले छम-छम,
काहे की फिकर अब, काहे का है ग़म।।
ऐसे थक-हार के निराश मत हो,
भोले ने बुलाया तो निभाएगा भी वो,
जिस पल होगी मुलाक़ात उनसे,
दिल की बताना हर बात उनसे,
बोल बम, बोल बम, बोल बम बम बम,
चल रे कांवड़िया बढ़ाए जा कदम,
होने नहीं पाए रफ़्तार तेरी कम,
घुंघरू कांवड़ियों के बोले छम-छम,
काहे की फिकर अब, काहे का है ग़म।।
भोले पे कांवड़ तेरी चढ़ जाएगी,
आन-बान-शान तेरी बढ़ जाएगी,
कहता बिहारी लख्खा चूकना नहीं,
खाली ना रहेगी, झोली भर जाएगी,
बोल बम, बोल बम, बोल बम बम बम,
चल रे कांवड़िया बढ़ाए जा कदम,
होने नहीं पाए रफ़्तार तेरी कम,
घुंघरू कांवड़ियों के बोले छम-छम,
काहे की फिकर अब, काहे का है ग़म।।
भोले के दर चलो,
लेके कांवड़ चलो,
कलशे छोटे बड़े,
गंगा में भर चलो,
भोले शंकर को जल चढ़ाएंगे,
चल रे कांवड़िया बढ़ाए जा कदम,
होने नहीं पाए रफ़्तार तेरी कम,
घुंघरू कांवड़ियों के बोले छम-छम,
काहे की फिकर अब, काहे का है ग़म,
बोल बम, बोल बम, बोल बम बम बम।।