क्या खिलाया जाए,
तुझे क्या पिलाया जाए,
बोल भोलेनाथ तुझे,
क्या भोग लगाया जाए।।
आप खुश हो जाएँ, मैं वही मंगवा दूँ,
अक धतूरे की बूटी बोलो पिसवा दूँ,
बोलो भोले जी बोलो,
ज़रा अंखिया तो खोलो,
भांग घुटवाया जाए,
किशमिश डाली जाए,
बादाम मिलाया जाए,
बोल भोलेनाथ तुझे,
क्या भोग लगाया जाए।।
बर्फ़ी, रबड़ी, कलाकन्द भी आ जाए,
हलवा-पूरी कहो तो अभी बन जाए,
खीर चूरमे के साथ, बोलो हे भोलेनाथ,
और क्या लाऊँ,
दही मंगाया जाए,
रायता बनवाया जाए,
बोल बाबा बोल तुझे,
क्या भोग लगाया जाए।।
आम अमरूद खाओ बाबा खरबूजा,
सेब, संतरा, अनार ले लो तरबूजा,
काले अंगूर प्यारे, संग में आलूबुखारे,
पियो रुह-ए-अफ़्ज़ा,
दूध चढ़ाया जाए,
जो तेरे मन को भाए,
बोल बाबा बोल तुझे,
क्या भोग लगाया जाए।।
गंगा के जल की काँवड़ भी मैं लाऊँ,
बड़े प्रेम से भोलेजी तुम्हें नहलाऊँ,
बोलूँ बम-बम का नारा, जो लगे तुझको प्यारा,
फूल बरसाऊँ,
भस्म रमाई जाए,
फिर शंख बजाया जाए,
बोल भोलेनाथ तुझे,
क्या भोग लगाया जाए।।
क्या खिलाया जाए,
तुझे क्या पिलाया जाए,
बोल भोलेनाथ तुझे,
क्या भोग लगाया जाए।।