चले गौरा बिहाने भंडारी
दोहा –
देखो भोले बने हैं दूल्हा,
निकले जब सजधज के भाई वाह।
भेष है उनका अजब अनोखा,
देख के लख्खा लेत बलैया।
मंद मंद मुस्कान है मुख पे,
तन पे भस्म रमाए हैं,
और भांग जो पी के चले बाराती,
गिरत पड़त ये गाए हैं।
चले गौरा बिहाने भंडारी,
देव बलिहारी है,
करके नंदी सवारी देखो लागे,
भोले की छवि न्यारी है।
मेरे भोले की बारात में सब मिले,
ब्रह्मा विष्णु सहित सुर असुर भी चले,
नाचे ठुमक ठुमक गिरधारी,
चढ़ी क्या खुमारी है,
चले गौरा बिहाने भंडारी,
देव बलिहारी है॥
ज़रा धीरे चलो मोरे बाराती भैया,
थोड़ा सा नाचे सभी ताता थैया,
धरती गगन सारी सृष्टि है झूमे,
होके मगन नाग किन्नर भी घूमे।
ज़रा भोले के चेहरे को देखो,
लालिमा छाई है,
चले गौरा बिहाने भंडारी,
देव बलिहारी है॥
द्वारे पे पहुंचे जो बारात लेके,
सारे जनाती आंखें फाड़ के देखे,
कैसन है दूल्हा मिला तुमको गौरा,
तन पे ना कपड़ा कोई ढंग का पहना।
वहाँ कैसे रहोगी महारानी,
चिंता ये हमारी है,
चले गौरा बिहाने भंडारी,
देव बलिहारी है॥
सखियाँ कहें कैसे रस्में निभाऊं,
जूता ना पैरों में अब का चुराऊं,
सारी उम्मीदों पे पानी है फेरा,
अब कैसे लुंगी मैं हक था जो मेरा।
खुश रहो सदा मेरी प्यारी,
दुआ ये हमारी है,
चले गौरा बिहाने भंडारी,
देव बलिहारी है॥
बाबुल की लेके चली है दुआएं,
माता मैना रो रो लेती बलाएं,
करके बिदाई चले भोले शंकर,
खुशियां ही खुशियां है मन वो भरकर।
तीनों लोको ने गाई बधाई,
खिली फुलवारी है,
चले गौरा बिहाने भंडारी,
देव बलिहारी है॥
चले गौरा बिहाने भंडारी,
देव बलिहारी है,
करके नंदी सवारी देखो लागे,
भोले की छवि न्यारी है।
मेरे भोले की बारात में सब मिले,
ब्रह्मा विष्णु सहित सुर असुर भी चले,
नाचे ठुमक ठुमक गिरधारी,
चढ़ी क्या खुमारी है,
चले गौरा बिहाने भंडारी,
देव बलिहारी है॥