गंग बरसे भीजे औघड़दानी,
गंग बरसे,
हे गंग बरसे भीजे औघड़दानी,
गंग बरसे।।
भांग धतूरा का भोजन बनाया,
भांग धतूरा का भोजन बनाया,
खाये भोले दातार, भगत तरसे,
गंग बरसे,
गंग बरसे भीजे औघड़दानी,
गंग बरसे।।
गांजा और सुल्फा का चिलम भराया,
गांजा और सुल्फा का चिलम भराया,
खींचे भोले सरकार चिलम भरके,
गंग बरसे,
ओ गंग बरसे भीजे औघड़दानी,
गंग बरसे।।
कैलाश पर्वत पे आसन लगाया,
कैलाश पर्वत पे आसन लगाया,
‘शर्मा’ किये श्रृंगार, भगत हरषे,
गंग बरसे,
ओ गंग बरसे भीजे औघड़दानी,
गंग बरसे।।
गंग बरसे भीजे औघड़दानी,
गंग बरसे,
हो गंग बरसे भीजे औघड़दानी,
गंग बरसे।।