गाओ गाओ री बधाई,
स्वामी अष्टमी है आयी।
ललिता हरिदासी बन आयी,
स्वामी अष्टमी है आयी।
गाओ गाओ री बधाई,
स्वामी अष्टमी है आयी।।
धन्य राजपुर ग्राम भयो,
और धन्य भये ब्रजवासी।
श्री गंगाधर चित्रा जी के,
प्रकटे श्री हरिदासी।
गाओ गाओ री बधाई,
स्वामी अष्टमी है आयी।।
भादो शुक्ल अष्टमी शुभदिन,
प्रकटी प्रेम सहेली।
श्यामा श्याम की प्राणन प्यारी,
श्री ललिता अलबेली।
गाओ गाओ री बधाई,
स्वामी अष्टमी है आयी।।
संतन के आनंद भयो,
रसिकन के सुख भयो भारी।
प्रकट भए मेहलन से,
श्री स्वामी प्रेमवतारी।
पागल ‘चित्र विचित्र’ ने गाई,
स्वामी अष्टमी है आयी।।
गाओ गाओ री बधाई,
स्वामी अष्टमी है आयी।
ललिता हरिदासी बन आयी,
स्वामी अष्टमी है आयी।
गाओ गाओ री बधाई,
स्वामी अष्टमी है आयी।।