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जय श्री श्याम जपने वाला भवसागर तर जाएगा लिरिक्स

हिंदी

दोहा – लिए श्रीकृष्ण ने,

इम्तिहान कैसे कैसे,

बने बर्बरीक,

खाटू के श्याम कैसे कैसे।

श्याम खाटू वाले के,

दर पे जो भी जाएगा,

जय श्री श्याम जपने वाला,

भवसागर तर जाएगा,

तर जाएगा तर जाएगा,

तर जाएगा तर जाएगा।।

श्याम खाटू वाले की,

ये अमर कहानी है,

शीश दिया गिरिधर को,

शीश का यह दानी है,

पांडवों का लाडला यह,

सूर्यवंश का मोती,

पिता का दुलारा है,

मां की आंखों की ज्योति,

एक दिन का किस्सा है,

माँ से लगा वह कहने,

युद्ध होने वाला है,

मैं भी जाऊंगा रण में,

मां ने अपने बेटे को,

प्यार से यह समझाया,

क्या करोगे जाकर के,

यह सवाल क्यों आया,

युद्ध है महाभारत का,

आप जानती है मां,

ऐसा युद्ध दुनिया में,

होगा ना हुआ है मां,

मेरी भी तमन्ना है,

कुछ कमाल दिखलाऊं,

आप आज्ञा दीजिए,

युद्ध देखने जाऊं,

बात सुनके बालक की,

मां बहुत ही घबराई,

दे तो दी इजाजत,

पर आंख उसकी भर आई,

जा रहे हो तो जाओ,

मां का तुझ पर साया है,

सब तुम्हारे अपने हैं,

ना कोई पराया है,

हारने वाला युद्ध में तेरा,

साथ अगर पा जाएगा,

मां का आशीर्वाद है तेरा,

नाम अमर हो जाएगा,

जय श्री श्याम जपने वाला,

भवसागर तर जाएगा,

तर जाएगा तर जाएगा,

तर जाएगा तर जाएगा।।

हो चुका था निर्णय यह,

कुरुक्षेत्र रणभूमि,

साथ देंगे पांडवों का,

तीन लोक के स्वामी,

एक तरफ तो है पांडव,

दूजी और है कोरव,

शूरवीर आए हैं,

सब दिखाने को गौरव,

किसको फायदा होगा,

जाने इस लड़ाई में,

क्योंकि लड़ने वाले हैं,

भाई अपने भाई से,

कृष्ण जी ने देखा जब,

ध्यान से इस बालक को,

पूछने लगे गिरिधर,

आया क्या तू करने को,

बर्बरीक ने परिचय,

अपना देकर बतलाया,

तीन बाण तरकस में,

लेके लड़ने को आया,

जो लगेगा हारने वह,

साथ मेरा पाएगा,

एक बाण मारूंगा,

और वो जीत जाएगा,

बात सुन के बालक की,

कृष्ण जी भी चकराए,

मन ही मन में सोचा कि,

अब परीक्षा ली जाए,

बोले कृष्ण जी उसको,

काम तुम यह कर डालो,

सामने जो पीपल है,

उस पे तुम नजर डालो,

एक तीर से सारे पत्ते,

जो तू भेद दिखाएगा,

सबसे वीर महाभारत में,

तू ही तो कहलायेगा,

जय श्री श्याम जपने वाला,

भवसागर तर जाएगा,

तर जाएगा तर जाएगा,

तर जाएगा तर जाएगा।।

सुमिरन कर शक्ति का,

मारा बाण बालक ने,

भेद सारे पत्तों को,

आया बाण चरणों में,

कृष्ण जी ने घबराकर,

पैर को हटाया जब,

पेर के तले पत्ता,

उसको भेद डाला जब,

हो गया सफल बालक,

वीर माना जाएगा,

तुझसे लेगा टक्कर जो,

क्षण में मारा जाएगा,

वीर तो बहुत होंगे,

दानी होना मुश्किल है,

तेरे जैसा दुनिया में,

सानी होना मुश्किल है,

वीर महावीर है तू,

इतना मान दे मुझको,

दानी तुझको मानूंगा,

शीश दान दे मुझको,

सोचकर में आया था,

हिस्सा युद्ध में लूंगा,

शीश भले ही कट जाए,

युद्ध अवश्य देखूंगा,

इतना कहने के बाद,

काट डाला गर्दन को,

शीश हाथ में रखकर,

भेंट किया गिरधर को,

माझरा ये देखा तो,

कृष्ण जी भी चकराए,

हाथ सर पे बालक के,

रख के श्याम फरमाए,

सच्चा है वरदान ये मेरा,

खाली कभी ना जाएगा,

कलयुग में तू नाम से मेरे,

घर घर पूजा जाएगा,

जय श्री श्याम जपने वाला,

भवसागर तर जाएगा,

तर जाएगा तर जाएगा,

तर जाएगा तर जाएगा।।

श्याम खाटू वाले के,

दर पे जो भी जाएगा,

जय श्री श्याम जपने वाला,

भवसागर तर जाएगा,

तर जाएगा तर जाएगा,

तर जाएगा तर जाएगा।।

📜 Lyrics Source: kirtanLyrics.com