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जरा सर को झुकाओ वासुदेव जी लिरिक्स

हिंदी

जरा सर को झुकाओ वासुदेव जी,

तेरी टोकरी में त्रिलौकी नाथ है,

चूमने दो चरण मुझे प्रेम से,

आज यमुना की यही फरियाद है,

जरा सर को झुकाओ वासुदेव जी।।

राम बने गंगा तट लांघे,

मारे थे अत्याचारी,

आज ये मुझको पार करेंगे,

मैं हूँ इनकी आभारी,

मेरी बूंद-बूंद हरषात है,

छाई काली घटा बरसात है,

चूमने दो चरण मुझे प्रेम से,

आज यमुना की यही फरियाद है,

जरा सर को झुकाओ वासुदेव जी।।

यमुना जी का धीरज टूटा,

उमड़-उमड़ कर आई,

श्याम ने चरण बढ़ाए आगे,

यमुना जी हरषाई है,

चरणों को लगाइ लीनो माथ है,

प्रभु प्रेम से धरो सिर पे हाथ है,

चूमने दो चरण मुझे प्रेम से,

आज यमुना की यही फरियाद है,

जरा सर को झुकाओ वासुदेव जी।।

चूम लिए प्रभु के चरणों को,

मन ही मन में नमन किया,

वासुदेव जी गोकुल पहुंचे,

खुद ही रस्ता बना दिया,

‘बिन्नू’ जग में हुई प्रभात है,

‘लक्खा’ डरने की ना कोई बात है,

चूमने दो चरण मुझे प्रेम से,

आज यमुना की यही फरियाद है,

जरा सर को झुकाओ वासुदेव जी।।

जरा सर को झुकाओ वासुदेव जी,

तेरी टोकरी में त्रिलौकी नाथ है,

चूमने दो चरण मुझे प्रेम से,

आज यमुना की यही फरियाद है,

जरा सर को झुकाओ वासुदेव जी।।