झूठी दुनिया में रहना,
दुश्वार हो गया,
जबसे बाँके बिहारी जी से,
प्यार हो गया,
जबसे बाँके बिहारी जी से,
प्यार हो गया।।
बाँके बिहारी जी की,
मोटी-मोटी अखियाँ,
कजरारी अखियाँ,
नैनों ही नैनों में,
इक़रार हो गया,
जबसे बाँके बिहारी जी से,
प्यार हो गया।।
बाँके बिहारी जी की,
मीठी बाँसुरिया,
मुरली का तराना,
दिल के पार हो गया,
जबसे बाँके बिहारी जी से,
प्यार हो गया।।
बाँके बिहारी जी का,
प्यारा वृंदावन,
वृंदावन मेरा,
घर-द्वार हो गया,
जबसे बाँके बिहारी जी से,
प्यार हो गया।।
‘चित्र-विचित्र’ के,
तुम नैन तारे,
प्राणन से प्यारे,
पागल तुम्हारा,
संसार हो गया,
जबसे बाँके बिहारी जी से,
प्यार हो गया।।
झूठी दुनिया में रहना,
दुश्वार हो गया,
जबसे बाँके बिहारी जी से,
प्यार हो गया,
जबसे बाँके बिहारी जी से,
प्यार हो गया।।