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कन्हैया पार लगादे मेरी नैया लिरिक्स

हिंदी

कन्हैया पार लगादे मेरी नैया,

पार लगादे मेरी नैया,

गईया घेरे खड़े कसाई,

तुम बिन कौन बचईया,

बिच सभा में बहन पुकारे,

कहाँ हो मेरे भैया रे,

कन्हैया पार लगादें मेरी नैया,

पार लगादे मेरी नैया।।

मैं अबला लाचार हुई हूँ,

किसको आज पुकारूँ,

मेरा सहारा तू है मोहन,

रस्ता तेरा निहारूं,

देख रहे है सभी तमाशा,

शर्म इन्हे ना आए,

आज गई जो लाज मेरी तो,

लाज तुम्हारी जाए रे,

कन्हैया पार लगादें मेरी नैया,

पार लगादे मेरी नैया।।

भवन अटारी हारे जुए में,

और धन रत्न खजाने,

मढ़ महलों की शान उत्तर गई,

चेते नहीं दीवाने,

पास बचा ना अंत में जब कुछ,

मति गई है मारी,

दाव लगा दी पांचो पति ने,

जुए में अपनी नारी रे,

कन्हैया पार लगादें मेरी नैया,

पार लगादे मेरी नैया।।

देखो धरम निभाने वालों,

शंका मेरी मिटाओ,

सदियों से क्यों नारी पे ही,

होता जुलम ये बताओ,

जिनपे भार मेरी रक्षा का,

शर्म से आँखे मीचे,

तन के जो सीना चलते थे,

आज किए सर निचे रे,

कन्हैया पार लगादें मेरी नैया,

पार लगादे मेरी नैया।।

रक्षा का जो वचन दिया था,

भैया भूल ना जाना,

आज समय आ गया है मोहन,

अपना वचन निभाना,

छोड़ द्वारिका भागे ‘बेधड़क’,

श्याम ना देर लगाई,

बहन की साड़ी में छिपके,

‘लख्खा’ की लाज बचाई,

कन्हैया पार लगाई श्याम नैया,

पार लगादे मेरी नैया।।

कन्हैया पार लगादे मेरी नैया,

पार लगादे मेरी नैया,

गईया घेरे खड़े कसाई,

तुम बिन कौन बचईया,

बिच सभा में बहन पुकारे,

कहाँ हो मेरे भैया रे,

कन्हैया पार लगादें मेरी नैया,

पार लगादे मेरी नैया।।

📜 Lyrics Source: kirtanLyrics.com