मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके,
बनके तेरे चरणों का सेवक,
मुँह माँगा वर पाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।
माँ अम्बे रानिये,
कितना प्यारा तेरा धाम है,
हर दुःख से दूर है वो,
जिसकी जुबां पे तेरा नाम है,
मोह माया को मन से भगा के,
तेरा ध्यान लगाऊं,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।
मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।
तुम हो वरदानी मैया,
वर दे दे कर दे पूरी आस तू,
मन का अँधेरा हर ले,
ज्योति का कर दे माँ प्रकाश तू,
चरणों में तेरे उम्र गुजारूं,
रंग में तेरे रंग जाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।
मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।
तेरे ही दर पे मिलती,
हर दुखियारे को माँ ओट है,
क्यों है ठुकराया मुझको,
कैसी सरल में बोलो खोट है,
इस लख्खा की सुने ना कोई,
तुझको आन सुनाऊं,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।
मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।
मात ज्वाला कर उजियाला,
तेरी ज्योत जगाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके,
बनके तेरे चरणों का सेवक,
मुँह माँगा वर पाऊँ,
तेरे दरबार आके,
तेरे दरबार आके।।