मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है,
चोट खाई है जो दिल पे मैंने,
वो दिखाने के काबिल नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है।।
जबसे देखा है जलवा तुम्हारा,
कोई आँखों को जचता नहीं है,
यूँ तो देखे बहुत नूर वाले,
सारे आलम में तुझसा नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है।।
मोहब्बत का तकाज़ा यही है,
ना तुम बदलो हमसे,
ना हम बदले तुमसे,
तुम तो ऐसे बदलने लगे हो,
आज तक कोई बदला नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है।।
तेरी सूरत पे क़ुर्बान जाऊं,
तेरी आँखें हैं या मय के प्याले,
जिनको नज़रों से तुमने पिलाई,
होश आने के काबिल नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है।।
मैंने पूछा कि अब कब मिलोगे,
पहले मुस्काए फिर तन के बोले,
सबके दिल में समाए हुए हैं,
आने-जाने की ज़रूरत नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है।।
जबसे देखा है जलवा तुम्हारा,
कोई आँखों को जचता नहीं है,
यूँ तो देखे बहुत नूर वाले,
सारे आलम में तुझसा नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है।।
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है,
चोट खाई है जो दिल पे मैंने,
वो दिखाने के काबिल नहीं है,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं है।।