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मेरी होगी जरूर सुनवाई माँ तेरे सच्चे दरबार में

हिंदी

मेरी होगी ज़रूर सुनवाई,

माँ तेरे सच्चे दरबार में,

बड़ी आशा से झोली फैलाई,

माँ तेरे सच्चे दरबार में।।

इस जग की माँ देखी अजब रीत है,

मतलब का यहाँ हर कोई मीत है,

आके आवाज़ मैंने लगाई,

माँ तेरे सच्चे दरबार में,

बड़ी आशा से झोली फैलाई,

माँ तेरे सच्चे दरबार में।।

तेरे दर पे माँ दुखड़े मिटे पल में,

आसरा मिलता माता के आँचल में,

मुझको उम्मीद दी है दिखाई,

माँ तेरे सच्चे दरबार में,

बड़ी आशा से झोली फैलाई,

माँ तेरे सच्चे दरबार में।।

कुछ भी मुझको नहीं अब है माँ कामना,

जब पुकारूँ आ ‘लख्खा’ का हाथ थामना,

ज्योति आके ‘सरल’ ने जगाई,

माँ तेरे सच्चे दरबार में,

बड़ी आशा से झोली फैलाई,

माँ तेरे सच्चे दरबार में।।

मेरी होगी ज़रूर सुनवाई,

माँ तेरे सच्चे दरबार में,

बड़ी आशा से झोली फैलाई,

माँ तेरे सच्चे दरबार में।।

📜 Lyrics Source: kirtanLyrics.com