बिहारी जी तुम्हारे वृंदावन में,
जब भी आएंगे,
नहीं आएंगे हम वापस,
नहीं आएंगे हम वापस,
सभी से बोल आएंगे।।
किसी ने हमसे जो पूछा,
वहाँ कैसे रह पाओगे,
गुरु चरणों की छाया में,
गुरु चरणों की छाया में,
वही जीवन बिताएंगे,
नहीं आएंगे हम वापस,
सभी से बोल आएंगे।।
किसी ने हमसे जो पूछा,
वहाँ भोजन क्या खाओगे,
जो पालनहार है सबके,
जो पालनहार है सबके,
वही हमको खिलाएंगे,
नहीं आएंगे हम वापस,
सभी से बोल आएंगे।।
किसी ने हमसे जो पूछा,
वहाँ पर क्या कमाओगे,
श्री राधा नाम धन साचा,
श्री राधा नाम धन साचा,
वही धन हम कमाएंगे,
नहीं आएंगे हम वापस,
सभी से बोल आएंगे।।
किसी ने हमसे जो पूछा,
वहाँ तुम बन क्या पाओगे,
बिहारी जी के बन पागल,
बिहारी जी के बन पागल,
उन्हीं के हम हो जाएंगे,
नहीं आएंगे हम वापस,
सभी से बोल आएंगे।।
किसी ने हमसे जो पूछा,
ये मन कैसे लगाओगे,
के चित्र विचित्र के संग मिलकर,
के चित्र विचित्र के संग मिलकर,
भजन में मन लगाएंगे,
नहीं आएंगे हम वापस,
सभी से बोल आएंगे।।
बिहारी जी तुम्हारे वृंदावन में,
जब भी आएंगे,
नहीं आएंगे हम वापस,
नहीं आएंगे हम वापस,
सभी से बोल आएंगे।।