KirtanLyrics Logo

KirtanLyrics

नारायण जिनके हृदय में वो कछु कर्म करे ना करे रे लिरिक्स

नारायण जिनके हृदय में वो कछु कर्म करे ना करे रे लिरिक्स
हिंदी

नारायण जिनके हृदय में,

वो कछु कर्म करे ना करे रे।।

सवैया

तात मिलै पुनि मात मिलै,

सुत भ्रात मिलै युवती सुखदाई,

राज मिलै गज बाज मिलै,

सब साज मिलै मन वांछित पाई।

लोक मिलै सुरलोक मिलै,

बिधि लोक मिलै बैकुंठहु जाई,

‘सुंदरदास’ मिलै सब ही सुख,

एक संत समागम दुर्लभ भाई।।

नारायण जिनके हृदय में,

वो कछु कर्म करे ना करे रे।।

नाव मिली जिसको जल माहि,

बाहु से नीर तरे न तरे रे,

नारायण जिनके हृदय में,

वो कछु कर्म करे ना करे रे।।

पारसमणि जिनके घर माही,

सो धन संच धरे रे धरे रे,

नारायण जिनके हृदय में,

वो कछु कर्म करे ना करे रे।।

सूरज को प्रकाश भयो जब,

दीप की जोत जरे न जरे रे,

नारायण जिनके हृदय में,

वो कछु कर्म करे ना करे रे।।

‘ब्रह्मानंद’ रूप जिन पायो,

काशी में जाय मरे न मरे रे,

नारायण जिनके हृदय में,

वो कछु कर्म करे ना करे रे।।

नारायण जिनके हृदय में,

वो कछु कर्म करे ना करे रे।।