नवराते आ गए
अँगना बुहारो माँ का,
भवन सवारो,
झोंके पुरवईया के,
बतला गए,
नवराते आ गए,
शेरावाली माई सदा,
भक्तों की सहाई गाए,
महिमा जो दर्शन पा गए,
नवराते हो ओ,,,
नवराते आ गए।।
भाए भक्तों के मन को,
अश्विन महीने के ये नौ दिन,
माता दुर्गा भवानी की,
घर-घर में हो पूजा अर्चन,
भर दे झोली सबकी,
मैया मेरी भोली,
सोए नसीब जगा गए,
नवराते हो ओ,,,
नवराते आ गए।।
बाजे ढोल मजीरे इस गली,
डांडिया है उस गली गरबा,
लगी भक्तों को लगन,
होके भक्ति में मगन,
रहे माँ को मना,
चुनरी ओढ़ाए,
हलवा भोग लगाए,
जो वो जन्मों के,
दुखड़े मिटा गए,
नवराते हो ओ,,,
नवराते आ गए।।
माँ का जप ले तू नाम,
पल्ला माँ का ले थाम,
कोई कमी न रहे,
मैया वर देने वाली,
खाली जाए ना सवाली,
सारी दुनिया कहे,
विपदा भगाए,
बेडा पार लगाए,
‘सरल’ सच सारे,
सपने बना गए,
नवराते हो ओ,,,
नवराते आ गए।।
अँगना बुहारो माँ का,
भवन सवारो,
झोंके पुरवईया के,
बतला गए,
नवराते आ गए,
शेरावाली माई सदा,
भक्तों की सहाई गाए,
महिमा जो दर्शन पा गए,
नवराते हो ओ,,,
नवराते आ गए।।