पिंजरे के पंछी रे,
तेरा दर्द ना जाने कोए,
तेरा दर्द ना जाने कोए,
बाहर से तो ख़ामोश रहे तू,
भीतर-भीतर रोए रे,
भीतर-भीतर रोए,
तेरा दर्द ना जाने कोए।।
कह ना सके तू,
अपनी कहानी,
तेरी भी पंछी,
क्या ज़िंदगानी रे,
विधि ने तेरी कथा लिखी,
आँसू में क़लम डुबोए,
तेरा दर्द ना जाने कोए,
तेरा दर्द ना जाने कोए।।
चुपके-चुपके,
रोने वाले,
छुपा के रखना,
दिल के छाले रे,
ये पत्थर का देश है पगले,
कोई ना तेरा होए,
तेरा दर्द ना जाने कोए,
तेरा दर्द ना जाने कोए।।
पिंजरे के पंछी रे,
तेरा दर्द ना जाने कोए,
तेरा दर्द ना जाने कोए,
बाहर से तो ख़ामोश रहे तू,
भीतर-भीतर रोए रे,
भीतर-भीतर रोए,
तेरा दर्द ना जाने कोए।।