दोहा –
चहुँ दिशि चहुँ ओर बिरज में,
है रह्यो ऐसो हल्ला,
नन्द के घर आनंद है प्रकट्यो,
जायो यशोदा ने लल्ला।।
सारे ब्रज में हल्ला है गयो,
मैया यशोदा ने जायो नंदलाल,
बधाई बाजे गोकुल में।।
आनंद ही आनंद बरस रह्यो,
नन्द बाबा को मनवा हरष रह्यो,
आँगन में पधार्यो गोपाल,
बधाई बाजे गोकुल में।।
सारे बृज में आनंद छाय गयो,
माखन को खिवैया आय गयो,
नाचे अंगना गोपी ग्वाल,
बधाई बाजे गोकुल में।।
नन्द भवन में धूम मची भारी,
मंगल गावे मिल ब्रज नारी,
वहां लूट रहे मोतिन थाल,
बधाई बाजे गोकुल में।।
लाला की छवि बड़ी प्यारी है,
जावे ‘चित्र-विचित्र’ बलिहारी है,
दोनों खूब मचावे धमाल,
बधाई बाजे गोकुल में।।
सारे बृज में हल्ला है गयो,
मैया यशोदा ने जायो नंदलाल,
बधाई बाजे गोकुल में।।