सब मंगलमय कर देते हैं,
दक्षिणमुख के हनुमान प्रभु,
हर बिगड़े काम बनाते हैं,
दक्षिणमुख के हनुमान प्रभु।।
जो काम कोई ना कर सकता,
ऐसे ही कितने काम किए,
सौ योजन की लंबी दूरी को,
एक छलाँग में पार किए।
मुश्किल को सरल बनाते हैं,
दक्षिणमुख के हनुमान प्रभु,
सब मंगलमय कर देते हैं,
दक्षिणमुख के हनुमान प्रभु।।
दक्षिण में जाकर के बजरंग,
श्रीराम का पूरा काम किया,
माँ सीता ने फिर इसीलिए,
हनुमत को वरदान दिया।
सियाराम के मन को भाते हैं,
दक्षिणमुख के हनुमान प्रभु,
सब मंगलमय कर देते हैं,
दक्षिणमुख के हनुमान प्रभु।।
हर दिशा की महिमा अलग-अलग,
हर दिशा की महिमा है न्यारी,
पर दक्षिणमुख के बजरंग पे,
हो जाए निरंजन बलिहारी।
शनिदेव से मुक्त करते हैं,
दक्षिणमुख के हनुमान प्रभु,
सब मंगलमय कर देते हैं,
दक्षिणमुख के हनुमान प्रभु।।