सावन सुहाना आया है, सावन,
संदेसा माँ का लाया है, सावन।।
सावन है सुहाना सुहाना सुहाना,
दर्शन माँ का पाना है पाना है पाना।
सावन सुहाना आया है, सावन,
संदेसा माँ का लाया है, सावन।
चिंतपूर्णी के द्वार गूंजती जय जयकार,
चिंतपूर्णी के द्वार गूंजती जय जयकार।
भक्तों के मन भाया है, सावन,
सावन सुहाना आया है,
संदेसा माँ का लाया है।।
छम-छम बरसाए बारिश,
सावन अलबेला।
माँ के भवन पे लगा,
भक्तों का मेला।
लाल ध्वजा उठाए,
झूमते गाते आए।
दुखड़े मिटाने आया है, सावन,
सावन सुहाना आया है, सावन,
संदेसा माँ का लाया है, सावन।।
झूले पड़े हैं हर,
आम की डाली।
कन्या का रूप धरे,
माँ शेरावाली।
सखियों को संग में ले,
बगिया में झूला झूले।
झूला झुलाने आया है, सावन,
सावन सुहाना आया है, सावन,
संदेसा माँ का लाया है, सावन।।
सावन में कर ले ‘सरल’,
मन को पावन।
‘लख्खा’ के संग जाके,
कर ले माँ के दर्शन।
पाप धूल जाए सारे,
कवळे समझो ये सारे।
किस्मत चमकाने आया है, सावन,
सावन सुहाना आया है, सावन,
संदेसा माँ का लाया है, सावन।।
सावन है सुहाना सुहाना सुहाना,
दर्शन माँ का पाना है पाना है पाना।
सावन सुहाना आया है, सावन,
संदेसा माँ का लाया है, सावन।
चिंतपूर्णी के द्वार गूंजती जय जयकार,
चिंतपूर्णी के द्वार गूंजती जय जयकार।
भक्तों के मन भाया है, सावन,
सावन सुहाना आया है,
संदेसा माँ का लाया है।।