श्याम के बिना तुम आधी,
तुम्हारे बिना श्याम आधे,
राधे राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे राधे,
आठो पहर जो रहे अंग संग,
उस सांवरे की एक झलक,
दिखला दे,
राधे राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे राधे।।
मैं तो सांवरे के रंग में राजी,
बाँध घुघरू भी पग में नाची,
कैसो निष्ठुर भयो यशोदा का लाला,
बात मेरे हृदय की ना मानी,
अपनों के संग यूँ करते नहीं,
सांवरे को नेक समझा दे,
राधे राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे राधे।।
छवि श्याम की बसाई लई चित में,
खड़ी बाट निहारूँ नित्त नित्त मैं,
श्याम के बिना मुझे कुछ नहीं सुझे,
श्याम के बिना जाऊँ कित मैं,
कैसे बूझे प्यास नैनों की,
रास्ता कोई तो दिखला दे,
राधे राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे राधे।।
कहीं केशव कहीं पे कन्हैया,
कहीं नटवर रास रचैया,
मेरी भी नैय्या अटकी भँवर में,
पार कर देना बन के खिवैया,
विनती मेरी भी इतनी सी,
बंसी बजैया तक पहुँचा दे,
राधे राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे राधे।।
श्याम के बिना तुम आधी,
तुम्हारे बिना श्याम आधे,
राधे राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे राधे,
आठो पहर जो रहे अंग संग,
उस सांवरे की एक झलक,
दिखला दे,
राधे राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे राधे।।