श्याम धणी तू लखदातार,
सच्चा है तेरा दरबार।
श्याम धणी तू लखदातार,
सच्चा है तेरा दरबार,
करता ना बाबा इनकार,
भक्तो के भरता भंडार,
जय हो जय हो हो रही,
तेरी जय हो जय हो हो रही,
झांकी मन को मोह रही तेरी,
झांकी मन को मोह रही।।
सांवरा, सांवरा,
तेरी जय, मन मोहना।।
मैं पैदल चलकर आया हूँ,
केसरिया ध्वजा चढ़ाया हूँ,
मैं इस दुनिया को छोड़ श्याम,
अब शरण तुम्हारी आया हूँ,
विनती करूँ मैं हाथ पसार,
दे दे बाबा तू दीदार।
सच्चा है तेरा दरबार,
श्याम धणी हो लखदातार,
जय हो जय हो हो रही,
तेरी जय हो जय हो हो रही,
झांकी मन को मोह रही तेरी,
झांकी मन को मोह रही।।
सांवरा, सांवरा,
तेरी जय, मन मोहना।।
बाबा शीश का दान दिया तुमने,
है काम महान किया तुमने,
जिसने भी नाम लिया तेरा,
मुँह माँगा दान दिया तुमने,
लीले घोड़े के असवार,
महिमा तेरी अपरम्पार।
श्याम धणी हो लखदातार,
जय हो जय हो हो रही,
तेरी जय हो जय हो हो रही,
झांकी मन को मोह रही तेरी,
झांकी मन को मोह रही।।
सांवरा, सांवरा,
तेरी जय, मन मोहना।।
कलयुग में देव निराले हो,
तुम श्याम जी खाटू वाले हो,
तेरा ‘राजपाल’ ये कहता है,
किस्मत के खोलते ताले हो,
‘लख्खा’ की नैया मजधार,
बाबा कर दे नैया पार।
सच्चा है तेरा दरबार,
श्याम धणी हो लखदातार,
जय हो जय हो हो रही,
तेरी जय हो जय हो हो रही,
झांकी मन को मोह रही तेरी,
झांकी मन को मोह रही।।
सांवरा, सांवरा,
तेरी जय, मन मोहना।।
श्याम धणी तू लखदातार,
सच्चा है तेरा दरबार,
करता ना बाबा इनकार,
भक्तो के भरता भंडार,
जय हो जय हो हो रही,
तेरी जय हो जय हो हो रही,
झांकी मन को मोह रही तेरी,
झांकी मन को मोह रही।।