दोहा
बड़ी किस्मत वाला है वो,
झुकाता सर जो माँ के दर पे,
बड़ी किस्मत वाला वो सर है,
है माँ का हाथ जिस सर पे।
बड़ा अच्छा हुआ होता,
जो माँ का दर पहले अगर मिलता,
ये हम सब ठोकरें खाता हुआ,
फिर दर दर नहीं मिलता।।
तेरे दर पे सर झुकाया,
तुझे दुःख में हम पुकारे,
बस जी रहे है मैया,
तेरे नाम के सहारे,
तेरे नाम के सहारे,
तेरे दर पे सर झुकाया।।
चरणों के पास अपने,
रहने दो मैया मुझको,
जीवन गुजार दूंगा
सेवा में माँ तुम्हारे,
तेरे दर पे सर झुकाया।।
दुनिया की मोह माया,
घेरे है मुझको आकर,
इस दुःख से शेरोवाली,
तू ही मुझे उबारे,
तेरे दर पे सर झुकाया।।
एक आस करदो पूरी,
हम सब की मेरी मैया,
एक आस करदो पूरी,
हम सब तड़प रहा है,
दर्शन बिना तुम्हारे,
तेरे दर पे सर झुकाया।।
तेरे दर पे सर झुकाया,
तुझे दुःख में हम पुकारे,
बस जी रहे है मैया,
तेरे नाम के सहारे,
तेरे नाम के सहारे,
तेरे दर पे सर झुकाया।।