तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तुमसा और ना कोई।
जब जब टूटा मेरा खिलौना,
मुझसे पहले तू रोई।
तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तुमसा और ना कोई।।
मेरे हँसने पर हँसती है,
रोने पर रोती है,
फिर भी मैं ये समझ न पाया,
माँ कैसी होती है।
मैं खोया इस जग के सुख में,
माँ मेरे ख्याल में खोई।
जब जब टूटा मेरा खिलौना,
मुझसे पहले माँ रोई।
तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तुमसा और ना कोई।।
मिल जाएगा दुनिया का सुख,
सपनों में जो प्यारा,
पा लूँगा मैं सबकुछ यहाँ पर,
माँ न मिलेगी दोबारा।
आँखों के हर इक आँसू से,
साँसें माँ ने संजोई।
जब जब टूटा मेरा खिलौना,
मुझसे पहले माँ रोई।
तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तुमसा और ना कोई।।
जैसे अँधेरे में रहकर,
करता दीप उजाला,
ऐसे बेधड़क तुझको माँ की,
ममता ने है पाला।
जब तक सोया मैं न चैन से,
तब तक माँ नहीं सोई।
जब जब टूटा मेरा खिलौना,
मुझसे पहले माँ रोई।
तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तुमसा और ना कोई।।
तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तुमसा और ना कोई।
जब जब टूटा मेरा खिलौना,
मुझसे पहले तू रोई।
तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तुमसा और ना कोई।।