टूट गई है माला,
मोती बिखर चले,
दो दिन रह कर साथ,
जाने किधर चले।।
मिलन की दुनिया छोड़ चले यह,
आज विरह में सपने,
मिलन की दुनिया छोड़ चले यह,
आज विरह में सपने,
खोए-खोए नैनों में हैं,
उजड़े-उजड़े सपने,
उजड़े-उजड़े सपने,
याद की गठरी लिए,
झुकाए नज़र चले,
दो दिन रह कर साथ,
जाने किधर चले।।
अब तो यह जग में जिएँगे,
आँसू पीते-पीते,
अब तो यह जग में जिएँगे,
आँसू पीते-पीते,
जैसी इन पे बीती वैसी,
और किसी पे ना बीते,
और किसी पे ना बीते,
कोई मत पूछो इन्हें लिए,
किस डगर चले,
दो दिन रह कर साथ,
जाने किधर चले।।
टूट गई है माला,
मोती बिखर चले,
दो दिन रह कर साथ,
जाने किधर चले।।